\v 54 54 जब विनाशी अविनाशी और मरणशील अमरत्व धारण करहए, तव लिखो भव बो वचन पूरा होबैगो, “मृत्यु विजयमे निलगओ हए|” \v 55 55 "ए मृत्यु, तेरो विजय कहाँ? ए मृत्यु, तेरो खिला कहाँ?”"