\v 35 \v 36 35 "पर कोइ पुछैगो ""मरो भव कैसे जिन्दा होत हए, और बे कैसो प्रकारको शरीर लैके आतहए?” " 36 ए मूर्ख! जो तुम लगातहौ बो ना मरके सजीव नाए होत हए|