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\v 31 31 भैया तुम, हमर प्रभु येशूमे तुमर करन मए गर्व करत हौ, और मए कहन सिक्त हौ, कि प्रत्येक दिन मए मरत हौ| \v 32 32 आदमीको बात करन हए कहेसे, एफिससमे जङ्गली जनावरसंग मिर लड़ाईके मोके का फाइदा भव? मरोभव जिन्दा नाए हुईतो तव, “हम खामै और पितए, काहेकी कल त हम मरजए हए|” |