From e2b443363290d1ff2a5035f7093c43a42053f064 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 15:42:07 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 15:42:06 GMT+0545 (Nepal Time) --- 03/08.txt | 2 +- 03/10.txt | 2 +- 03/12.txt | 2 +- 03/14.txt | 2 +- 03/16.txt | 2 +- 03/18.txt | 2 +- 03/21.txt | 2 +- 04/title.txt | 1 + manifest.json | 1 + 9 files changed, 9 insertions(+), 7 deletions(-) create mode 100644 04/title.txt diff --git a/03/08.txt b/03/08.txt index 7845bbe..9539f7d 100644 --- a/03/08.txt +++ b/03/08.txt @@ -1 +1 @@ -\v 8 अब बोन और पानी डरनबारो एकै हए, बे सब अपनो काम अनुसार देहरी पएँ हँएँ । \v 9काहेकि हम परमेश्‍वरके सहकर्मी हँएँ । तुम परमेश्‍वरकी ब \ No newline at end of file +\v 8 अब बोन और पानी डरनबारो एकै हए, बे सब अपनो काम अनुसार देहरी पएँ हँएँ । \v 9 काहेकि हम परमेश्‍वरके सहकर्मी हँएँ । तुम परमेश्‍वरकी बगिया और बाकी भवन हौ। \ No newline at end of file diff --git a/03/10.txt b/03/10.txt index 53ecbbd..6a38eba 100644 --- a/03/10.txt +++ b/03/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 \v 11 10 मोके दओ भव परमेश्वरको अनुग्रह अनुसार, घर बनान् बालो अच्छो मिस्तरीसे जैसी मए जग डारो, और दुसरे बाके उपर घर बनात जाओ , बाके उपर बनन् बाले सब आदमी कैसे बनात हए, बो ध्यान देओं । 11 काहेकी जौन जग डारो गाओ हए, जो येशू ख्रीष्ट हए, बक बाहेक कोई आदमी फिर औरो जग ना डार पएँ हँए । \ No newline at end of file +\v 10 10 मोके दओ भव परमेश्वरको अनुग्रह अनुसार, घर बनान् बालो अच्छो मिस्तरीसे जैसी मए जग डारो, और दुसरे बाके उपर घर बनात जाओ , बाके उपर बनन् बाले सब आदमी कैसे बनात हए, बो ध्यान देओं । \v 11 11 काहेकी जौन जग डारो गाओ हए, जो येशू ख्रीष्ट हए, बक बाहेक कोई आदमी फिर औरो जग ना डार पएँ हँए । \ No newline at end of file diff --git a/03/12.txt b/03/12.txt index e2661a6..1b04bc0 100644 --- a/03/12.txt +++ b/03/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 \v 13 12 अब अगर कोई आदमी जा जग उपर सोनो, चाँदी, बहुमुल्य पत्थर, काठ, घाँस अथवा पैरासे घर बनए कहेसे, 13 प्रत्येक आदमीको काम प्रकट होबैगो, काहेकी न्यायके दिनमे बो खुलस्त हुइजएहए| बो आगीसे प्रकट होबैगो, और सब कैसो काम करी हए, बो आगीसे जाँच होबैगो । \ No newline at end of file +\v 12 12 अब अगर कोई आदमी जा जग उपर सोनो, चाँदी, बहुमुल्य पत्थर, काठ, घाँस अथवा पैरासे घर बनए कहेसे, \v 13 13 प्रत्येक आदमीको काम प्रकट होबैगो, काहेकी न्यायके दिनमे बो खुलस्त हुइजएहए| बो आगीसे प्रकट होबैगो, और सब कैसो काम करी हए, बो आगीसे जाँच होबैगो । \ No newline at end of file diff --git a/03/14.txt b/03/14.txt index b89a68f..13896f2 100644 --- a/03/14.txt +++ b/03/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 \v 15 14 अगर कोई आदमी बो जग उपर बनाओ काम करत रहबैगो तव बो इनाम पाबैगो| 15 अगर कोई आदमीको काम डुङ्गके खतम भव हए कहेसे बो नुक्सान बिहोरन पडैगो, पर बो अपन आगीसे उम्कके बचैगो । \ No newline at end of file +\v 14 14 अगर कोई आदमी बो जग उपर बनाओ काम करत रहबैगो तव बो इनाम पाबैगो| \v 15 15 अगर कोई आदमीको काम डुङ्गके खतम भव हए कहेसे बो नुक्सान बिहोरन पडैगो, पर बो अपन आगीसे उम्कके बचैगो । \ No newline at end of file diff --git a/03/16.txt b/03/16.txt index ca6d405..5e4a24e 100644 --- a/03/16.txt +++ b/03/16.txt @@ -1 +1 @@ -\v 16 \v 17 16 का तुमके पता ना हए, तुम परमेश्वरको मन्दिर हौँ, और परमेश्वरको पवित्र आत्मा तुमरमे बास करत हए? 17 अगर कोई परमेश्वरको मन्दिरके नष्ट करत हए कहेसे परमेश्वर बो के नष्ट करैगो । काहेकी परमेश्वरको मन्दिर पवित्र होतहए, और बो मन्दिर तुमही हौ । \ No newline at end of file +\v 16 16 का तुमके पता ना हए, तुम परमेश्वरको मन्दिर हौँ, और परमेश्वरको पवित्र आत्मा तुमरमे बास करत हए? \v 17 17 अगर कोई परमेश्वरको मन्दिरके नष्ट करत हए कहेसे परमेश्वर बो के नष्ट करैगो । काहेकी परमेश्वरको मन्दिर पवित्र होतहए, और बो मन्दिर तुमही हौ । \ No newline at end of file diff --git a/03/18.txt b/03/18.txt index f97c9da..de7c4de 100644 --- a/03/18.txt +++ b/03/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 \v 19 \v 20 18 कोई अपनेके धोखा मतदेओं । तुमर मैसे कोई जा युगमे अपनेके वुध्दीमान सम्झत हए कहेसे बो मूर्ख बानैगो, तव बो वुध्दीमान बन पाबए । 19 काहेकी संसारको वुध्दि परमेश्वरको अग्गु मूर्ख हए| काहेकी लिखो हए, “ बो वुध्दिमानके बिनको चलाकीमे पकड्त हए|” 20 और फिर वुध्दिमानके विचार व्यर्थ हए कहिके परमप्रभु जानत हए ।” \ No newline at end of file +\v 18 18 कोई अपनेके धोखा मतदेओं । तुमर मैसे कोई जा युगमे अपनेके वुध्दीमान सम्झत हए कहेसे बो मूर्ख बानैगो, तव बो वुध्दीमान बन पाबए । \v 19 19 काहेकी संसारको वुध्दि परमेश्वरको अग्गु मूर्ख हए| काहेकी लिखो हए, “ बो वुध्दिमानके बिनको चलाकीमे पकड्त हए|” \v 20 20 और फिर वुध्दिमानके विचार व्यर्थ हए कहिके परमप्रभु जानत हए ।” \ No newline at end of file diff --git a/03/21.txt b/03/21.txt index 33acb74..bf8064b 100644 --- a/03/21.txt +++ b/03/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 \v 22 \v 23 21 जहेमारे कोई आदमीके उपर गर्व ना करए| काहेकी सब चिज तुमरो हए, 22 चहु पावल, कि अपोल्लोस, कि केफास, अथवा संसार, अथवा जीवन, अथवा मौत, अथवा वर्तमान, अथवा भविष्य सब तुमरो हए, 23 और तुम ख्रीष्टके हौ, और ख्रीष्ट परमेश्वर हए । \ No newline at end of file +\v 21 21 जहेमारे कोई आदमीके उपर गर्व ना करए| काहेकी सब चिज तुमरो हए, \v 22 22 चहु पावल, कि अपोल्लोस, कि केफास, अथवा संसार, अथवा जीवन, अथवा मौत, अथवा वर्तमान, अथवा भविष्य सब तुमरो हए, 23 \v 23 और तुम ख्रीष्टके हौ, और ख्रीष्ट परमेश्वर हए । \ No newline at end of file diff --git a/04/title.txt b/04/title.txt new file mode 100644 index 0000000..23c9c9f --- /dev/null +++ b/04/title.txt @@ -0,0 +1 @@ +आध्याय ४ \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index a2a4ca4..3535a03 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -54,6 +54,7 @@ "01-30", "02-title", "03-title", + "03-08", "05-09", "06-title", "06-01",