From 93503b65421a931261ca9644d75529aef1204f44 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 17:35:09 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 17:35:08 GMT+0545 (Nepal Time) --- 15/45.txt | 2 +- 15/47.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/15/45.txt b/15/45.txt index af6820d..65bfbf5 100644 --- a/15/45.txt +++ b/15/45.txt @@ -1 +1 @@ -\v 45 जहेमारे अइसो लिखो हए, “पहिलो आदमी आदम जीवित प्राणी भव|” अन्तिमे आदम जीवन देनबारो आत्मा भौ । \v 46 पहिलो आत्मिक नैयाँ, पर प्राकृतिक हए, और पिच्छुबारो आत्मिक रहए \ No newline at end of file +\v 45 जहेमारे अइसो लिखो हए, “पहिलो आदमी आदम जीवित प्राणी भौ ।” अन्तिमे आदम जीवन देनबारो आत्मा भौ । \v 46 पहिलो आत्मिक नैयाँ, पर प्राकृतिक हए, और पिच्छुबारो आत्मिक रहए । \ No newline at end of file diff --git a/15/47.txt b/15/47.txt index 60194cc..c35ee16 100644 --- a/15/47.txt +++ b/15/47.txt @@ -1 +1 @@ -\v 47 47 पहिलो आदमी मट्टीसे बानो रहए, पृथ्वीसे हए| दुसरो आदमी स्वर्गको हए| \v 48 48 मट्टीसे बानो आदमीजैसो रहए, मट्टीसे बने फिर अइसी होतहए, और स्वर्गीय आदमी जैसे हए, स्वर्गके फिर अइसी होतहए| \v 49 49 जैसी हम मट्टीको आदमीको रूप धारन करेहए| अइसी स्वर्गके आदमीके रुप धारण कर हए| \ No newline at end of file +\v 47 पहिलो आदमी मट्टीसे बानो रहए, पृथ्वीसे हए । दुसरो आदमी स्वर्गको हए । \v 48 मट्टीसे बानो आदमीजैसो रहए, मट्टीसे बने फिर अइसी होतहए, और स्वर्गीय आदमी जैसे हए, स्वर्गके फिर अइसी होतहए । \v 49 जैसी हम मट्टीको आदमीको रूप धारन करेहए । अइसी स्वर्गके आदमीके रुप धारण कर हए । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4fea20f..fe6cefe 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -210,6 +210,7 @@ "15-37", "15-40", "15-42", + "15-45", "16-title" ] } \ No newline at end of file