diff --git a/10/14.txt b/10/14.txt index 97c8baf..27025ae 100644 --- a/10/14.txt +++ b/10/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 \v 15 14 जहेमारे मिर प्रिय हो, मूर्तिपूजासे अलग रहौ| 15 समझदार आदमिसे मए कहत हौ, मिर कही बात तुम अपनै विचार करौ| \v 16 16 बो आशिषको कटोरा जो के ताहिँ हम आशिष मागतहौ, का बो ख्रीष्टको रगतमे होन बारो सहभागिता नाए हए का? बो रोटी, जो हम तोरत हए, का बो ख्रीष्टको शरीरमे सामिल नाए हए? \v 17 17 काहेकी रोटी एकै हए, हम गज़ब हँए त का शरीर त एकए हए, काहेकी हम सब एकै रोटीसे खातहँए| \ No newline at end of file +\v 14 14 जहेमारे मिर प्रिय हो, मूर्तिपूजासे अलग रहौ| \v 15 15 समझदार आदमिसे मए कहत हौ, मिर कही बात तुम अपनै विचार करौ| \v 16 16 बो आशिषको कटोरा जो के ताहिँ हम आशिष मागतहौ, का बो ख्रीष्टको रगतमे होन बारो सहभागिता नाए हए का? बो रोटी, जो हम तोरत हए, का बो ख्रीष्टको शरीरमे सामिल नाए हए? \v 17 17 काहेकी रोटी एकै हए, हम गज़ब हँए त का शरीर त एकए हए, काहेकी हम सब एकै रोटीसे खातहँए| \ No newline at end of file diff --git a/10/18.txt b/10/18.txt index 764900e..2d14537 100644 --- a/10/18.txt +++ b/10/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 \v 19 18 इस्राएल जातिके देखौ, वलिदानको चिज खान बारो, का वेदीको सहभागिता नाए भए का? 19 मए का कहैया हौ त? का मूर्तिके चढओ भव चिज कछु हए का? अथवा मूर्ति कछु चिज हए? \ No newline at end of file +\v 18 18 इस्राएल जातिके देखौ, वलिदानको चिज खान बारो, का वेदीको सहभागिता नाए भए का? \v 19 19 मए का कहैया हौ त? का मूर्तिके चढओ भव चिज कछु हए का? अथवा मूर्ति कछु चिज हए? \ No newline at end of file diff --git a/10/20.txt b/10/20.txt index a90ee8f..c541752 100644 --- a/10/20.txt +++ b/10/20.txt @@ -1 +1 @@ -\v 20 \v 21 \v 22 20 अइसो नाए हए, पर मए जहे कहैया हौ, कि मूर्ति पूजन बारे जो वली चढात हए, बो परमेश्वरके ताहिँ नाए हए, पर भूतप्रेतके ताहिँ चढात हँए, और तुम भूतप्रेत संग मिलो जा मए नाए चाहत हौ| 21 तुम प्रभुको कटोरा और भूतप्रेतको कटोरा दुनौ से नाए पिन पए हौ| तुम प्रभुको टेबुल और भूतप्रेतको दुनौ से नाए खाए पए हौ| 22 का हम प्रभुके दिक्कबैय हँए? का हम बोसे शक्तिशाली हँए? \ No newline at end of file +\v 20 20 अइसो नाए हए, पर मए जहे कहैया हौ, कि मूर्ति पूजन बारे जो वली चढात हए, बो परमेश्वरके ताहिँ नाए हए, पर भूतप्रेतके ताहिँ चढात हँए, और तुम भूतप्रेत संग मिलो जा मए नाए चाहत हौ| \v 21 21 तुम प्रभुको कटोरा और भूतप्रेतको कटोरा दुनौ से नाए पिन पए हौ| तुम प्रभुको टेबुल और भूतप्रेतको दुनौ से नाए खाए पए हौ| \v 22 22 का हम प्रभुके दिक्कबैय हँए? का हम बोसे शक्तिशाली हँए? \ No newline at end of file diff --git a/10/23.txt b/10/23.txt index 4466b3c..7dd5d7d 100644 --- a/10/23.txt +++ b/10/23.txt @@ -1 +1 @@ -\v 23 \v 24 23 "सबए बात न्यायसंगत हए,” पर सबै बात फाइदके नाए हँए| “सबए बात न्यायसंगत हए"" पर सबै बात सुधार नाए करंगे| " 24 कोइ फिर अपन भलाई नाए ढुणै, पर अपन परोसीके भलाई ढुणए| \ No newline at end of file +\v 23 23 "सबए बात न्यायसंगत हए,” पर सबै बात फाइदके नाए हँए| “सबए बात न्यायसंगत हए"" पर सबै बात सुधार नाए करंगे| " \v 24 24 कोइ फिर अपन भलाई नाए ढुणै, पर अपन परोसीके भलाई ढुणए| \ No newline at end of file diff --git a/10/25.txt b/10/25.txt index 30a48b5..f9c1b21 100644 --- a/10/25.txt +++ b/10/25.txt @@ -1 +1 @@ -\v 25 \v 26 \v 27 25 बुट्टीके दुकानमे का बेचत हँए, ज्ञान के ताहिँ कछु बिना पुछके बो खाए| 26 काहेकी पृथ्वी और बोमे भव सब चिज प्रभुक हए| 27 कोई अविश्वासी बोके पाटी खान खबर दैई तव जान इच्छ हए कहेसे तिर अग्गु जो धरदेहए: ज्ञान के ताहिँ कछु नाए पुछके खाबओ| \ No newline at end of file +\v 25 25 बुट्टीके दुकानमे का बेचत हँए, ज्ञान के ताहिँ कछु बिना पुछके बो खाए| \v 26 26 काहेकी पृथ्वी और बोमे भव सब चिज प्रभुक हए| \v 27 27 कोई अविश्वासी बोके पाटी खान खबर दैई तव जान इच्छ हए कहेसे तिर अग्गु जो धरदेहए: ज्ञान के ताहिँ कछु नाए पुछके खाबओ| \ No newline at end of file diff --git a/10/28.txt b/10/28.txt index cad8fcf..80bac79 100644 --- a/10/28.txt +++ b/10/28.txt @@ -1 +1 @@ -\v 28 \v 29 \v 30 28 "पर कोइ आदमी तोके ""जा त बलिमे चढओ भव हए"" कही त बतान बारेके ताहिँ और ज्ञानके ताहिँ, मत खाओ| " 29 तिर नाए, पर बोके ज्ञानके ताहिँ मिर स्वतन्त्रताको न्याय और ज्ञानसे कही हुइ हए? 30 अगर धन्यवाद दैके मए खात हौ, कहिके धन्यवाद दैके खओ भव पाटीके ताहिँ काहे मिर निन्दा होए? \ No newline at end of file +\v 28 28 "पर कोइ आदमी तोके ""जा त बलिमे चढओ भव हए"" कही त बतान बारेके ताहिँ और ज्ञानके ताहिँ, मत खाओ| " \v 29 29 तिर नाए, पर बोके ज्ञानके ताहिँ मिर स्वतन्त्रताको न्याय और ज्ञानसे कही हुइ हए? \v 30 30 अगर धन्यवाद दैके मए खात हौ, कहिके धन्यवाद दैके खओ भव पाटीके ताहिँ काहे मिर निन्दा होए? \ No newline at end of file diff --git a/10/31.txt b/10/31.txt index 764f320..8e095b4 100644 --- a/10/31.txt +++ b/10/31.txt @@ -1 +1 @@ -\v 31 \v 32 \v 33 31 जाहेमारे चहू तुम खाओ, अथवा पियौ, अथवा चहु तुम जो करौ, सबए परमेश्वरके महिमाके ताहिँ करओ| 32 कोई के ठेस लागन वारो काम मत करओ, चाहे यहूदिके होए, अथवा ग्रीकके होबए अथवा परमेश्वरके मण्डलीके होए| 33 जैसी मए फिर अपन करन बारो सवए काममे सव आदमिके प्रशन्न करन कोसिस करंगो, मए अपनए नाए, पर बहुतको हित करंगो, काहेकी बिनको उध्दर होबए \ No newline at end of file +\v 31 \v 32 31 जाहेमारे चहू तुम खाओ, अथवा पियौ, अथवा चहु तुम जो करौ, सबए परमेश्वरके महिमाके ताहिँ करओ| 32 कोई के ठेस लागन वारो काम मत करओ, चाहे यहूदिके होए, अथवा ग्रीकके होबए अथवा परमेश्वरके मण्डलीके होए| \v 33 33 जैसी मए फिर अपन करन बारो सवए काममे सव आदमिके प्रशन्न करन कोसिस करंगो, मए अपनए नाए, पर बहुतको हित करंगो, काहेकी बिनको उध्दर होबए \ No newline at end of file