From 483c59bb255421ff08663616009d2ea8e8886395 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 17:29:09 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 17:29:08 GMT+0545 (Nepal Time) --- 15/37.txt | 2 +- 15/40.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/15/37.txt b/15/37.txt index 48785dc..cdb2f5c 100644 --- a/15/37.txt +++ b/15/37.txt @@ -1 +1 @@ -\v 37 जो तुम लगात हौ बा त पिच्छु होनबारी शरीर ना हए , पर बीज इकल्लो हए ।, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए। \v 38 पर अपनाके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और सबए किसिमको बीजके बा अपन शरीर देबैगो । \v 39 सबए शरीर एक किसिमको ना होत हए । आदमीको शरीर एक किसिमको, और जीवजन्तुको दुसरो किसिमको, चिरैंयाँको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर होतहए । \ No newline at end of file +\v 37 जो तुम लगात हौ बा त पिच्छु होनबारी शरीर ना हए , पर बीज इकल्लो हए ।, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए। \v 38 पर अपनाके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और सबए किसिमको बीजके बा अपन शरीर देबैगो । \v 39 सबए शरीर एक किसिमको ना होत हए । आदमीको शरीर एक किसिमको, और पशुको दुसरो किसिमको, चिरैंयाँको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर होतहए । \ No newline at end of file diff --git a/15/40.txt b/15/40.txt index 84b05ff..711a3ed 100644 --- a/15/40.txt +++ b/15/40.txt @@ -1 +1 @@ -\v 40 40 तव शरीर फिर स्वर्गीय और मट्टीको होत हए| स्वर्गीय शरीरको तेज एक किसिमको हए, और मट्टीको शरीरको तेज औरे किसिमको होतहए| \v 41 41 दिनको तेज एक किसिमको, जोनीको तेज दुसरे किसिमको, और ताराको तेज औरे किसिमको होत हए| काहेकी एक तारा औरो तारा से फरक तेजको होत हए| \ No newline at end of file +\v 40 तौ शरीर फिर स्वर्गीय और मट्टीको होत हए । स्वर्गीय शरीरको तेज एक किसिमको हए, और मट्टीको शरीरको तेज औरे किसिमको होतहए । \v 41 दिनको तेज एक किसिमको, जोनीको तेज दुसरे किसिमको, और ताराको तेज औरे किसिमको होत हए| काहेकी एक तारा औरो तारा से फरक तेजको होत हए । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c977f17..5f02bfb 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -207,6 +207,7 @@ "15-31", "15-33", "15-35", + "15-37", "16-title" ] } \ No newline at end of file