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\v 20 \v 24 20 जैन अवस्थामे आदमीके बोलावट भव हए, बहेमे नै हरेक आदमी रहो रहबए| \v 21 21 तुमर बोलावट होतपेती तुम कमैया रहौ? अगर रहौ कहेसे बाको वास्ता मतकरौ, पर स्वतन्त्र होन सिकैगे कहेसे बाको फाईदा उठाबै| \v 22 22 कहिके प्रभुमे बोलावट होतपेती जौन आदमी कमैया रहए, अब बो प्रभुके स्वतन्त्र आदमी भव हए| अइसी करके बोलावट भव समयमे जो आदमी स्वतन्त्र रहए, बो ख्रीष्टको कमैया भव हए| \v 23 23 तुम मोल तिरके किनेभए हौ, आदमीको कमैया नाए बनए| 24 जहेमरे भैया हो, जौनके जैसो अवस्थामे बोलावट भव हए, प्रत्येक बहे अस्थामे परमेश्वरसंग रहबै
\v 20 20 जैन अवस्थामे आदमीके बोलावट भव हए, बहेमे नै हरेक आदमी रहो रहबए| \v 21 21 तुमर बोलावट होतपेती तुम कमैया रहौ? अगर रहौ कहेसे बाको वास्ता मतकरौ, पर स्वतन्त्र होन सिकैगे कहेसे बाको फाईदा उठाबै| \v 22 22 कहिके प्रभुमे बोलावट होतपेती जौन आदमी कमैया रहए, अब बो प्रभुके स्वतन्त्र आदमी भव हए| अइसी करके बोलावट भव समयमे जो आदमी स्वतन्त्र रहए, बो ख्रीष्टको कमैया भव हए| \v 23 23 तुम मोल तिरके किनेभए हौ, आदमीको कमैया नाए बनए| \v 24 24 जहेमरे भैया हो, जौनके जैसो अवस्थामे बोलावट भव हए, प्रत्येक बहे अस्थामे परमेश्वरसंग रहबै

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\v 25 \v 26 25 अब कन्याके बारेमे प्रभुको आज्ञा मिरसंग कुछु नैयाँ| पर प्रभुको कृपासे एक विश्वासयोग्य व्यक्तिके हैसियतसे मए तुमके अपन सल्लाह देतहौ| 26 वर्तमान सङ्कष्टमे देखत, जौन व्यक्ति जैसो अवस्थामे हए बहेमे नै रहन अच्छो हुइहए कहिके मए ठानतहओ|
\v 25 25 अब कन्याके बारेमे प्रभुको आज्ञा मिरसंग कुछु नैयाँ| पर प्रभुको कृपासे एक विश्वासयोग्य व्यक्तिके हैसियतसे मए तुमके अपन सल्लाह देतहौ| \v 26 26 वर्तमान सङ्कष्टमे देखत, जौन व्यक्ति जैसो अवस्थामे हए बहेमे नै रहन अच्छो हुइहए कहिके मए ठानतहओ|

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\v 27 \v 28 27 का तुम विहा करे हौ? अइसो हए कहेसे अपन बैयरसे छुटन मतखोजए| का तए बिनाविहा करो हए? अइसो हए कहेसे विहा करन मतखोज| 28 पर तए विहा करेहए कहेसे बो पाप नकरो हए| कन्यलौणीया विहा कर तए पाप नाए करत् हए| तव फिर विहा करन बारे जा जीवनमे कष्टको सामना करन पणैगो, और मए तुमके जासे बचान चाहतहओ|
\v 27 27 का तुम विहा करे हौ? अइसो हए कहेसे अपन बैयरसे छुटन मतखोजए| का तए बिनाविहा करो हए? अइसो हए कहेसे विहा करन मतखोज| \v 28 28 पर तए विहा करेहए कहेसे बो पाप नकरो हए| कन्यलौणीया विहा कर तए पाप नाए करत् हए| तव फिर विहा करन बारे जा जीवनमे कष्टको सामना करन पणैगो, और मए तुमके जासे बचान चाहतहओ|

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\v 29 \v 30 \v 31 29 भैया हो, मेरो कहाईको बात जहे हए, कि समय थोरी हए, और अब उप्रन्त बैयर होनबारो बैयर नभवजैसो रहए| 30 शोक करनबारो शोक नकरोजैसो और हर्ष मनान् बारो हर्ष नाए मनान् जैसो हुइके रहबए| किनमोल करनबारो अपनसंग कुछु चीज नभवजैसो रहबए| 31 और बे जौन संसारके चीज उपभोग करतहए, बिनमे अपनो कोई चासो नाए भव जैसो करए, काहेकी संसार वर्तमानको रुप बितके जात हए|
\v 29 29 भैया हो, मेरो कहाईको बात जहे हए, कि समय थोरी हए, और अब उप्रन्त बैयर होनबारो बैयर नभवजैसो रहए| \v 30 30 शोक करनबारो शोक नकरोजैसो और हर्ष मनान् बारो हर्ष नाए मनान् जैसो हुइके रहबए| किनमोल करनबारो अपनसंग कुछु चीज नभवजैसो रहबए| \v 31 31 और बे जौन संसारके चीज उपभोग करतहए, बिनमे अपनो कोई चासो नाए भव जैसो करए, काहेकी संसार वर्तमानको रुप बितके जात हए|

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\v 32 \v 33 \v 34 32 तुम सब निष्फिक्री होबौ कहिके मए चहत हौ| विहा नभव आदमी प्रभुके कैसे खुशी बनैहए कहिके प्रभुके बातके बारेमे फिक्री करत हए, 33 पर विहा भव आदमी बैयरके कैसे खुशी करओ कहिके संसारको बातमे फिक्री करत हौ| 34 अइसो आदमीके मन दुईघेन लागो होतहए| विहा नभव बैयरकी शरीर और आत्मा दुनेमे कैसे पवित्र रहओ कहिके प्रभुके बातके बारेमे फिक्री करत हए| पर विहा भव चाँहि कैसे अपन लोगाके खुशी रखामओं कहिके संसारके बातके फिक्री करत हए|
\v 32 32 तुम सब निष्फिक्री होबौ कहिके मए चहत हौ| विहा नभव आदमी प्रभुके कैसे खुशी बनैहए कहिके प्रभुके बातके बारेमे फिक्री करत हए, \v 33 33 पर विहा भव आदमी बैयरके कैसे खुशी करओ कहिके संसारको बातमे फिक्री करत हौ| \v 34 34 अइसो आदमीके मन दुईघेन लागो होतहए| विहा नभव बैयरकी शरीर और आत्मा दुनेमे कैसे पवित्र रहओ कहिके प्रभुके बातके बारेमे फिक्री करत हए| पर विहा भव चाँहि कैसे अपन लोगाके खुशी रखामओं कहिके संसारके बातके फिक्री करत हए|

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\v 36 \v 37 \v 38 36 अगर कोई आदमी अपनसंग मगनी भैई कन्यासंग अनुचित व्यवहार करो ठानतहए, और अगर बो कन्याके उमेर फिर खसक्गई हए कहेसे, बो विहा करन चाहए कहेसे विहा करन सिकैगी| जामे पाप नैयाँ| बिनको विहा होनए पणत हए| 37 पर जौन आदमी अपन मन पक्को करडारी हए, जो कोई करकापमे पणो नैयाँ, पर अपन इच्छाके वशमे करन सिकतहए, और जो कन्याके विहा नाए करन निर्णय करडारिहए, कहेसे- अइसो आदमी फिर ठीक करतहए| 38 अइसो जौन कन्याके विहा करतहए, बो ठीक करतहए, पर जौन विहा नाए करतहए, बो और अच्छो करतहए
\v 36 36 अगर कोई आदमी अपनसंग मगनी भैई कन्यासंग अनुचित व्यवहार करो ठानतहए, और अगर बो कन्याके उमेर फिर खसक्गई हए कहेसे, बो विहा करन चाहए कहेसे विहा करन सिकैगी| जामे पाप नैयाँ| बिनको विहा होनए पणत हए| \v 37 37 पर जौन आदमी अपन मन पक्को करडारी हए, जो कोई करकापमे पणो नैयाँ, पर अपन इच्छाके वशमे करन सिकतहए, और जो कन्याके विहा नाए करन निर्णय करडारिहए, कहेसे- अइसो आदमी फिर ठीक करतहए| \v 38 38 अइसो जौन कन्याके विहा करतहए, बो ठीक करतहए, पर जौन विहा नाए करतहए, बो और अच्छो करतहए

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\v 39 \v 40 39 लोगा बाँचनतक लोगाके बन्धनमे बैयर रहतहए| पर लोगा मरके पिच्छु बो इच्छा करो व्यक्तिसंग बो विहा करन स्वतन्त्र होतहए, पर बो प्रभुको जन होन पणतहए| 40 पर बो अइसी बैठैगित और खुशी होतहए, जा मेरो विचार हए, तव मए सम्झात हौ कि मिरमे फिर परमेश्वरको आत्मा हए|
\v 39 39 लोगा बाँचनतक लोगाके बन्धनमे बैयर रहतहए| पर लोगा मरके पिच्छु बो इच्छा करो व्यक्तिसंग बो विहा करन स्वतन्त्र होतहए, पर बो प्रभुको जन होन पणतहए| \v 40 40 पर बो अइसी बैठैगित और खुशी होतहए, जा मेरो विचार हए, तव मए सम्झात हौ कि मिरमे फिर परमेश्वरको आत्मा हए|

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\c 8 \v 1 \v 2 \v 3 1 अब मूर्तिके चढ़ो भव खानबारो चिजके बारेमे: हम जानतहँए, कि हमर सबएसंग ज्ञान हए| ज्ञान घमण्ड लात हए, पर प्रेम उन्नती करत हए| 2 "अगर कोई ""कछु जानत हौँ"" कहिके सोचत हए कहेसे, जितका जानत रहै उतनो ना जानत हए| " 3 अगर कोई परमेश्वरके प्रेम करत हए बाके परमेश्वर चीनत हए|
\c 8 \v 1 1 अब मूर्तिके चढ़ो भव खानबारो चिजके बारेमे: हम जानतहँए, कि हमर सबएसंग ज्ञान हए| ज्ञान घमण्ड लात हए, पर प्रेम उन्नती करत हए| \v 2 2 "अगर कोई ""कछु जानत हौँ"" कहिके सोचत हए कहेसे, जितका जानत रहै उतनो ना जानत हए| " \v 3 3 अगर कोई परमेश्वरके प्रेम करत हए बाके परमेश्वर चीनत हए|

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\v 4 \v 5 \v 6 4 जहेमारे मूर्तिके चढ़ो भव खानबारो चिज खानके बारेमे मए जानत हौँ, कहिके मूर्तिको कोई अस्थितत्व ना हए, और एक परमेश्वरबाहेक और कोई नैयाँ| 5 "बादरमे अथवा पृथ्वीमे नाउँ इकल्लोके देवीदेवता इकल्लो हुइ हए, (नेहत्व अइसी गजब ""देवता"" और ""प्रभु"" हँए|)" 6 पर हमर ताहिं ता एक परमेश्वर पिता हए,जोसे सब थोक होन आए, और बहेके ताँही हम जिते हँए- हमर तांही एक प्रभु, येशू ख्रीष्ट हए, जोसे सब चिज होन आए, और जोसे हम जित् हँए|
\v 4 \v 5 4 जहेमारे मूर्तिके चढ़ो भव खानबारो चिज खानके बारेमे मए जानत हौँ, कहिके मूर्तिको कोई अस्थितत्व ना हए, और एक परमेश्वरबाहेक और कोई नैयाँ| 5 "बादरमे अथवा पृथ्वीमे नाउँ इकल्लोके देवीदेवता इकल्लो हुइ हए, (नेहत्व अइसी गजब ""देवता"" और ""प्रभु"" हँए|)" \v 6 6 पर हमर ताहिं ता एक परमेश्वर पिता हए,जोसे सब थोक होन आए, और बहेके ताँही हम जिते हँए- हमर तांही एक प्रभु, येशू ख्रीष्ट हए, जोसे सब चिज होन आए, और जोसे हम जित् हँए|

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आध्याय ८