From 29d2d80ede0cf54362f081c226fd36292fcdb811 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 20:41:12 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 20:41:12 GMT+0545 (Nepal Time) --- 03/18.txt | 2 +- 03/21.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/03/18.txt b/03/18.txt index 0312d45..08f4dc9 100644 --- a/03/18.txt +++ b/03/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 कोई अपनेके धोखा मतदेओं । तुमर मैसे कोई जा युगमे अपनेके वुध्दीमान सम्झत हए कहेसे बो मूर्ख बानैगो, तव बो वुध्दीमान बन पाबए । \v 19 काहेकी संसारको वुध्दि परमेश्वरको अग्गु मूर्ख हए । काहेकी लिखो हए, “ बो वुध्दिमानके बिनको चलाकीमे पकड्त हए ।” \v 20 धर्मशास्त्रमे एैसो फिर लिखो और फिर वुध्दिमानके विचार व्यर्थ हए कहिके परमप्रभु जानत हए ।” \ No newline at end of file +\v 18 कोई अपनेके धोखा मतदेओं । तुमर मैसे कोई जा युगमे अपनेके वुध्दीमान सम्झत हए कहेसे बो मूर्ख बानैगो, तव बो वुध्दीमान बन पाबए । \v 19 काहेकी संसारको वुध्दि परमेश्वरको अग्गु मूर्ख हए । काहेकी लिखो हए, “ बो वुध्दिमानके बिनको चलाकीमे पकड्त हए ।” \v 20 धर्मशास्त्रमे एैसो फिर लिखो हए, और फिर वुध्दिमानके विचार व्यर्थ हए कहिके परमप्रभु जानत हए ।” \ No newline at end of file diff --git a/03/21.txt b/03/21.txt index bf8064b..3250344 100644 --- a/03/21.txt +++ b/03/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 21 जहेमारे कोई आदमीके उपर गर्व ना करए| काहेकी सब चिज तुमरो हए, \v 22 22 चहु पावल, कि अपोल्लोस, कि केफास, अथवा संसार, अथवा जीवन, अथवा मौत, अथवा वर्तमान, अथवा भविष्य सब तुमरो हए, 23 \v 23 और तुम ख्रीष्टके हौ, और ख्रीष्ट परमेश्वर हए । \ No newline at end of file +\v 21 जहेमारे कोई आदमीके उपर गर्व ना करए । काहेकी सब चिज तुमरो हए, \v 22 चहु पावल, कि अपोल्लोस, कि केफास, अथवा संसार, अथवा जीवन, अथवा मौत, अथवा वर्तमान, अथवा भविष्य सब तुमरो हए, \v 23 और तुम ख्रीष्टके हौ, और ख्रीष्ट परमेश्वर हए । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c27171b..7ba823a 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -69,6 +69,7 @@ "03-12", "03-14", "03-16", + "03-18", "04-title", "05-title", "06-title",