From 1868fe9a7269ea55505b14268a7506a3b7916ea3 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 15:25:06 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 15:25:06 GMT+0545 (Nepal Time) --- 01/26.txt | 2 +- 01/28.txt | 2 +- manifest.json | 2 ++ 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/01/26.txt b/01/26.txt index a7212af..1a06464 100644 --- a/01/26.txt +++ b/01/26.txt @@ -1 +1 @@ -\v 26 26 भैया तुम, जब बुलाए रहौ,तवतुम कैसे रहौ? सो बिचार करओ संसारिक स्तर अनुसार तुम मैसे गजब जनै बुध्दिमान, गजब जनै शक्तिशाली और गजब जनै खानदानी ना रहएँ । \v 27 27 तव बुध्दिमानके शर्ममे पाड्न परमेश्वर संसारके मूर्खनके छानी हए, और शक्तिशालीनके शर्ममे पाड्नके परमेश्वर संसारके निर्बल बातके छानी हए । \ No newline at end of file +\v 26 भैया तुम, जब बुलाए रहौ,तवतुम कैसे रहौ? सो बिचार करओ संसारिक स्तर अनुसार तुम मैसे गजब जनै बुध्दिमान, गजब जनै शक्तिशाली और गजब जनै खानदानी ना रहएँ । \v 27 तव बुध्दिमानके शर्ममे पाड्न परमेश्वर संसारके मूर्खनके छानी हए, और शक्तिशालीनके शर्ममे पाड्नके परमेश्वर संसारके निर्बल बातके छानी हए । \ No newline at end of file diff --git a/01/28.txt b/01/28.txt index 44dbd98..bdac3a4 100644 --- a/01/28.txt +++ b/01/28.txt @@ -1 +1 @@ -\v 28 28 परमेश्वर संसारके निच और तुच्छ ठहारनबालो बातके चुनी हए| हियाँतक्कि नागिन्नबाली बातके फिर चुनि हए ; जहेमारे कि जौन बात हए बे व्यर्थ ठहरंगे, \v 29 29 और कोइ प्राणी परमेश्वरके समने अहङ्कार ना करएँ । \ No newline at end of file +\v 28 परमेश्वर संसारके निच और तुच्छ ठहारनबालो बातके चुनी हए| हियाँतक्कि नागिन्नबाली बातके फिर चुनि हए ; जहेमारे कि जौन बात हए बे व्यर्थ ठहरंगे, \v 29 और कोइ प्राणी परमेश्वरके समने अहङ्कार ना करएँ । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index fda9a95..aa952cc 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -48,6 +48,8 @@ "01-18", "01-20", "01-22", + "01-24", + "01-28", "05-09", "06-title", "06-01",