From 037b58829514cc0ad9f8a02593c69b631caec7cb Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 21:10:03 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 21:10:03 GMT+0545 (Nepal Time) --- 04/10.txt | 2 +- 04/12.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/04/10.txt b/04/10.txt index 40d78bf..e61daa6 100644 --- a/04/10.txt +++ b/04/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 हम ख्रीष्टके खातिर मूर्ख हँए, पर तुम त ख्रीष्टमे बुध्दिमान हौ । हम दुर्बल हँए, पर तुम बलियो हौ । तुमर आदर हँए, पर हमर अनादर । \v 11 जहे घरी हम भुखे और प्यासे हँए, नाङबा हँए, कुटाई खातहँए और बिना घरके हँए । \ No newline at end of file +\v 10 हम ख्रीष्टके खातिर मूर्ख हँए, पर तुम त ख्रीष्टमे बुध्दिमान हौ । हम दुर्बल हँए, पर तुम बलियो हौ । तुमर आदर हँए, पर हमर अनादर । \v 11 जहे घरी हम भुखे और प्यासे हँए, हमर कपड फटे हँए, कुटाई खातहँए और बिना घरदोवरके हँए । \ No newline at end of file diff --git a/04/12.txt b/04/12.txt index ecf497a..cbb9884 100644 --- a/04/12.txt +++ b/04/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 अपन हातसे काम करके हम मेहनत करत हँए । अपमानित होत हम आशिर्वाद देत हँए । सतत्पेती हम सहत हँए । \v 13 13 हमर बदनाम होत प्रेमपूर्वक जबाफ देत हँए । हबए तक हम संसारके फोहर और पृथ्वीको कसिङ्गर बने हँए । \ No newline at end of file +\v 12 अपन हातसे काम करके हम मेहनत करत हँए । अपमानित होत हम आशिर्वाद देत हँए । सतत्पेती हम सहत हँए । \v 13 हमर बदनाम होत प्रेमपूर्वक जबाफ देत हँए । हबए तक हम संसारके फोहर और पृथ्वीको कसिङ्गर बने हँए । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 3e680d4..b9492db 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -77,6 +77,7 @@ "04-05", "04-06", "04-08", + "04-10", "05-title", "06-title", "07-title",