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\v 35 35 जा बात तुमरउपर प्रतिबन्ध लागनके ताहीं नाए पर तुमर भलाईके ताहीं नै कहत हौ, जहेमरे कि तुम एक मनके हुइके प्रभुप्रति भक्तिसाथ ठीक किसिमको जीवन यापन करन सिकौ|