2017-08-29 21:40:57 +00:00
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# पुरूष को अपना सिर ढकना उचित नहीं
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वैकल्पिक अनुवाद: “अपने सिर पर टोपी का कपड़ा न डाले”
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# पुरूष की महिमा है
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जिस प्रकार पुरूष परमेश्वर की महिमा प्रकट करता है उसी प्रकार स्त्री पुरूष की महिमा प्रकट करती है।
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# क्योंकि पुरूष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री पुरूष से हुई।
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स्त्री के सृजन के समय परमेश्वर ने पुरूष की एक पसली निकाल कर स्त्री को सृजा था।
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