# हे मेरे प्रिय भाइयों, सुनो याकूब अपने विश्वासियों को अपना परिवार मानकर उपदेश दे रहा है। “मेरे प्रिय भाइयों, ध्यान दो।” # क्या परमेश्वर ने....नहीं चुना याकूब इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा अपने पाठकों को झिड़कता है। आप इस का अनुवाद इस प्रकार कर सकते हैं, “परमेश्वर ने...चुना” # कि विश्वास में धनी, “विश्वास बहुत हो”। “धनी” का अभिप्रेत अर्थ है, बहुत विश्वास हो। विश्वास के आधार को स्पष्ट किया जा सकता है, “मसीह में दृढ़ विश्वासी हो।” # राज्य के अधिकारी हों। “स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करें।” # पर तुमने याकूब सब पाठकों से कह रहा है। # कंगाल का अपमान किया “गरीब का मान नहीं रखा” या “गरीब के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।” # क्या धनी तुम पर अत्याचार नहीं करते? याकूब इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा अपने पाठकों को झिड़कता है। “धनवान ही तो....” # धनी लोग “धनवान लोग” (यू.डी.बी) # तुम पर अत्याचार नहीं करते...? “तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार करते” या “तुम पर प्रभुता दिखाते हैं?” # वे ही यहाँ भी याकूब प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा अपने पाठकों को झिड़क रहा है। अनुवाद “वे ही तो हैं जो...” या “धनवान ही तो...” # तुम्हें कचहरियों में घसीट-घसीट कर नहीं ले जाते? “बलपूर्वक कचहरी में न्यायाधीश के सामने दोष लगाए” ) # क्या धनी ...नहीं करते याकूब इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा अपने पाठकों को झिड़कता है। “धनवान ही तो....” # उस उत्तम नाम की मसीह के नाम की